लखनऊ, 22 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए अभी से जुट गई है। पार्टी छह जुलाई से करीब 37 दिन का गहन सदस्यता अभियान शुरु करने जा रही है। प्रदेश में सदस्यता अभियान को धार देने के लिए राष्ट्रीय सदस्यता अभियान प्रमुख एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं शनिवार को राजधानी लखनऊ में थे।
भाजपा का सदस्यता अभियान डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती छह जुलाई से प्रारम्भ होकर 11 अगस्त तक चलेगा। पार्टी इस अभियान के दौरान अपने सदस्यों की संख्या में 20 प्रतिशत इजाफा करने की फिराक में है।
पार्टी का यह सदस्यता अभियान यद्यपि पूरे देश में चलेगा लेकिन उसका मुख्य फोकस उत्तर प्रदेश में ही रहेगा। दरअसल भाजपा लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के नतीजों को लेकर काफी उत्साहित है। सपा, बसपा और रालोद गठबंधन के बावजूद पार्टी यहां 80 में से 62 लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही। साथ ही दो सीटें सहयोगी पार्टी अपना दल के खाते में गई। इस तरह पार्टी को इस बार उत्तर प्रदेश से कुल 64 सांसद मिले।
ऐसे में भाजपा अपनी दूरदर्शी कार्ययोजना के तहत 2022 के विधान सभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी में लग गई है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि लोक सभा चुनाव में उसे समाज के हर वर्ग का मत मिला। इसीलिए पार्टी ने सदस्यता अभियान के दौरान समाज के हर वर्ग के लोगों को भाजपा से जोड़ने का लक्ष्य बनाया है। राष्ट्रीय सदस्यता अभियान प्रमुख शिवराज सिंह चौहान ने भी आज यहां जिला सदस्तया प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार हमारी सदस्यता का मूल मंत्र ‘सर्व स्पर्शी भाजपा, सर्वव्यापी भाजपा है।’
श्री चौहान ने यह भी माना कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कर्तव्यनिष्ठा और सत्यनिष्ठा ने उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में जाति और धर्म की राजनीति करने वालों के गठबंधन को इस चुनाव में बुरी तरह असफल कर दिया। उन्होंने कहा कि समाज से जातीय मानसिकता अब बिल्कुल समाप्त होकर रहेगी।
भाजपा की निगाह प्रदेश विधान सभा की उन 12 सीटों पर भी है, जहां उपचुनाव होने हैं। वैसे उपचुनाव को लेकर भाजपा के अनुभव यहां अच्छे नहीं रहे, लेकिन पार्टी इस बार इस मामले में कुछ ज्यादा ही सतर्कता बरत रही है। पार्टी ने सभी 12 सीटों पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से हर जगह कोर टीम बना दिया है। प्रत्येक सीट पर राज्य सरकार के एक मंत्री, एक सांसद और स्थानीय जिला या महानगर इकाई के अध्यक्ष के अलावा पार्टी के प्रदेश इकाई के किसी एक पदाधिकारी को नियुक्त करने की योजना बनाई गई है। यह टीम पूरे समन्वय के साथ काम करेगी।
दरअसल, भाजपा को इस बात का एहसास है कि उपचुनाव हारने से प्रदेश में उसकी सरकार पर कोई प्रतिकूल असर पड़ने वाला नहीं है। लेकिन, उसे यह भी मालूम है कि उपचुनाव हारने से विपक्षियों का मनोबल बढ़ता है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व उपचुनाव वाली सभी सीटें जीतने की पूरी कोशिश करेगी। शिवराज सिंह चैहान की मौजूदगी में भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर आज हुई बैठक में भी उपचुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
इन सीटों पर होंगे उपचुनाव
गोविंदनगर (कानपुर), टूंडला (फिरोजाबाद), कैंट (लखनऊ), जैदपुर (बाराबंकी), मानिकपुर (चित्रकूट), बलहा (बहराइच), गंगोह (सहारनपुर), इगलास (अलीगढ़), प्रतापगढ़, रामपुर, जलालपुर (अंबेडकरनगर) और हमीरपुर विधान सभा सीट।
इनमें से 11 सीटों के विधायक अब संसद में पहुंच चुके हैं, जबकि हमीरपुर के विधायक अशोक चंदेल को हत्या के मामले में सजा हो गई है इसके चलते उनकी विधान सभा की सदस्यता रद कर दी गई है।