मायावती ने कांग्रेस व भाजपा से ट्विटर के जरिये उप्र-उत्तराखण्ड में शिक्षा की बदहाली पर मांगा जवाब

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लखनऊ, 02 अक्टूबर (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने नीति आयोग की स्कूली शिक्षा सम्बंधी रैंकिग के मामले में उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड की खराब स्थिति को लेकर कांग्रेस और भाजपा पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया कि


नीति आयोग ने ‘स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स’ जारी की है, जिसके अनुसार स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है। उत्तराखण्ड दसवें पायदान पर है। यह इंडेक्स 2016-17 के सर्वे के डेटा को इस्तेमाल करके तैयार किया गया है। 

बसपा सुप्रीमो ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए दलित एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न को रोकने के लिए एससी-एसटी कानून के सख्त प्रावधानों को यथावत बरकरार रखने को कहा है। 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में बदलाव करते हुए कहा था कि मामलों में तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। शिकायत मिलने पर तुरंत मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जाएगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि शिकायत मिलने के बाद डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर द्वारा शुरुआती जांच की जाएगी और जांच किसी भी सूरत में सात दिन से ज्यादा समय तक नहीं होगी। डीएसपी शुरुआती जांच कर नतीजा निकालेंगे कि शिकायत के मुताबिक क्या कोई मामला बनता है या फिर किसी तरीके से झूठे आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है।

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